Thursday, April 19, 2012

खोये खोये से हैं हम किसी के ख्यालों में 
उलझे उलझे हैं हम खुद के ही सवालों में 
मांगते हैं उसे जो पहले से ही हमारा है 
सोचते हैं उसे जो हमारी हर सोच का सहारा है ।।


कहीं बेठे बेठे हम खो न जायें, 
सोचते सोचते तुम्हारे हो ना जायें 
खुद की एक दुनिया है जो सजाते रहते हैं
तुमसे कहने वाली बातें आईने से कहते हैं ।।


पहली बार कोई मिला ह इस दिल को जो अपना सा लगा,
बांवरा बिन सोचे ही क्यों इतने सपने सजाने लगा ,
क्यों खो गया है ऐसी दुनिया में जो इसकी है ही नही ,
पागल डरता नही सोच के दिल लगाने का अंजाम क्या होगा  ।।


कहते कहते थक गए दीवाना था कभी माना ही नहीं,
अंजाम टूटे दिल का ये तो कभी  जाना ही नहीं,
डर इसे था नहीं कभी तुमसे दूर जाने का 
एहसास ये रखता नही आँखों के आंसू बहाने का ।।

महोब्बत क्या चीज़ है ये कौन समझा है यहाँ,
जादूगरी आँखों की है या नशा किसी का,
दर्द बिछड़ने का है या जज्बा पास आने का,
दूर करके आंसू देता है या एहसास अपना बनाने का ।।


ऐ खुदा हो सके तो इस नादाँ दिल को माफ़ कर देना,
तेरी जगह किसी और की तस्वीर को आज सजाया है,
जीतनी ख़ुशी तुम्हारे पास आने से हुई है हमेशा 
वो एहसास दिल ने किसी और के लिए आज जगाया है ।।